हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , यमन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा है कि इसराइल ने जुलाई से अब तक कई बार यमन के आम नागरिकों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर हमले किए हैं।
इस दौरान इज़राईली सरकार ने पश्चिमी यमन में अल-हुदैदा, रास असी और अल-सलीफ जैसी महत्वपूर्ण बंदरगाहों को निशाना बनाया। ये बंदरगाह लाखों यमनी नागरिकों के लिए जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं जैसे भोजन, दवाइयां, ईंधन और अन्य सामग्री की आपूर्ति का जरिया हैं। इन बंदरगाहों के जरिए देश की 80 प्रतिशत जरूरतें पूरी होती हैं।
यमन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन हमलों का मकसद यमनी जनता पर दबाव बढ़ाना और उनकी मुश्किलों को और बढ़ाना है।
यमन ने स्पष्ट किया कि इन हमलों से गाज़ा के समर्थन में उनके रुख में कोई फर्क नहीं पड़ेगा, बल्कि ये हमले गाजा के समर्थन में यमनी सैन्य कार्रवाइयों को और तेज करेंगे।
ध्यान रहे कि अक्टूबर 2023 में गाज़ा में युद्ध शुरू होने के बाद से यमन फिलिस्तीनियों का सक्रिय समर्थन करता आ रहा है।
यमन ने इसराइल के खिलाफ कई मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं ताकि तेल अवीव पर दबाव बनाया जा सके कि वह युद्धविराम करे और गाज़ा की घेराबंदी खत्म करे। अधिकतर हमले दक्षिणी इसराइल के इलात क्षेत्र को निशाना बनाकर किए गए, जबकि कुछ हमले तेल अवीव और बेन गुरियन एयरपोर्ट की ओर भी किए गए।
यह भी उल्लेखनीय है कि यमनी हमले कब्जे वाले इसराइल के लिए एक सुरक्षा चुनौती बन चुके हैं, जिसके जवाब में इसराइल ने यमन में विभिन्न लक्ष्यों पर सैन्य कार्रवाइयां की हैं।
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